दो विवाह करने पर सजा कब नही हो सकती।
1. यह कि हिन्दु विवाह अधिनियम की धारा-5/4 मे बताई सपिंड नातेदारी मे पुरुष या स्त्री ने किसी के साथ सप्तपदी द्वारा वैध शादी कर रखी हो और इन दोनों में से किसी ने दोबारा किसी अन्य से सप्तपदी द्वारा वैध शादी करली हो तो ऐसी दशा में दूसरी वैध शादी करने वाले व्यक्ति को आई पी सी की धारा 494 के तहत बायगेमी का दोशी नही माना जा सकता क्योकि उस व्यक्ति की पहली शादी शुरू से शून्य और अवेध अबाध्य है।
2. यह कि हिन्दु विवाह अधिनियम की धारा 7/2 के तहत जहा सप्तपदी अनिवार्य हो वहा कोई व्यक्ति दो शादी करता है जिसमे एक शादी में सप्तपदी अधूरी रह गई हो। सातवा पद चलना बाकी रह गया हो। और उस व्यक्ति पर पहला या दूसरा व्यक्ति जो आहत है वो दो विवाह करने का आरोप लगाकर आई पी सी की धारा 494 मे बायगेमी का केस करेगा तो विपक्षी को इस धारा में कोई सजा नही हो सकती। क्योकि IPC की धारा 494 तभी एटरेक्ट् होगी जब एक व्यक्ति के दोनों विवाह की सप्तपदी पुरी तरह से संपन्न हुई हो। पर उपर बताए गए उदाहरण के तहत किसी पर कोई केस करता है तो आरोपी को IPC की धारा 494 मे कानून के तहत सजा नही हो सकती।
That in the Sapind relationship mentioned in Section-5/4 of the Hindu Marriage Act, the man or the woman has legally entered into a marriage with any one by the Saptapadi and if either of them has again legally married the other by the Saptapadi, then such a condition A person having a second lawful marriage in the IPC cannot be held guilty of bygamy under section 494 of the IPC because that person's first marriage is void and voidable from the beginning.
That where Saptapadi is mandatory under Section 7/2 of the Hindu Marriage Act, a person performs two marriages in which the Saptapadi in one marriage has remained incomplete. The seventh step is left to go. And if the person who is the first or the second person who is hurt, will file a case of bigamy in section 494 of the IPC by accusing him of having two marriages, then the opposition cannot be punished in this section. Because Section 494 of the IPC will be effective only when the Saptapadi of both the marriages of a person has been completely completed. But under the above-mentioned example, someone does a case against someone.So the accused cannot be punished under the law under section 494 of IPC.
Hi
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