Cr.PC.177, भारतीय दण्ड प्रक्रिया सहिता की धारा-177,
दंड प्रक्रिया सहिता में “जांच और विचारण का मामूली स्थान, यानि कोर्ट का क्षेत्राधिकार इसका प्रावधान सीआरपीसी की धारा 177 में किया गया है, यहाँ हम आपको ये बताने का प्रयास करेंगे कि दंड प्रक्रिया सहिता (CrPC) की धारा 177 के लिए किस तरह उपयोग मे लाई जाती है| दण्ड प्रक्रिया संहिता यानि कि CrPC की धारा 177 क्या है, इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे
इस ब्लॉग में दंड-प्रक्रिया-सहिता की धारा 177 में जांच और विचारण का मामूली स्थान इसके बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं, इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है|
1. यह कि जब किसी स्थान विशेष पर कोई अपराधीक घटना घटित हुई हो तो वहा के थाने से संबंधित उसी न्यायालय में उस घटना का विचरण हो सकेगा,
2. यह कि जब कोई घटना किसी स्थान विशेष पर या जिस राज्य में हुई हो तो उसका विचारण हाई कोर्ट में भी हो सकता है क्योकि हाई कोर्ट को पुरे राज्य का क्षेत्राधिकार प्राप्त होता है,
3. यह की पुरे देश में कही भी कोई अपराधीक घटना हुई हो तो उस घटना का संज्ञान या उस घटना की सुनवाई करने का अधिकार माननीय सुप्रीम कोर्ट को प्राप्त है, और माननीय सुप्रीम कोर्ट में उस घटना का विचारण हो सकता हैं, जिस कारण लोग कभी कभी सीधा सुप्रीम कोर्ट में भी जाते हैं,
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